गांव की प्यासी घोड़ींयाँ - पार्ट २

जुबेर कुटाई का मतलब समझ गया थ की, माला चुदाई की बात कर रही है अरे बन मत मुझे पता है की तूझे सब पता है अरे भौजी पता होता तो शरमाता क्यूँ बात तो ठीक है
Lusty mom,,
ghar ki chudakkad ghodiya,ma ghodi banke chudi

गाँव की घोंड़ीयां और चुदाई - पार्ट २



मीना अपने कदमो को, ख़ेत के बने पगडंडीयों पर तेजी से बढ़ाते हुए अपने घर की तरफ़ चली जा रही थी| उसके दीमाग में सीर्फ कल रात घटी घटना ही घूम रही थी| वो चलते-चलते कुछ सोचने लगती है...

हाय राम! मैं ये क्या कर रही हूँ? अपने ही बेटे को इतना छुट दे रही हूँ की, वो अपनी मां की बुर को ही सहला रहा था| कीतनी गंदी हूं मै! लेकिन क्या करुँ? बल्लू इतने प्यार से सहला रहा था कि, मैं तो इक दम खो सी गयी और उसे रोक भी नही पायी| लेकीन अब ये सब ठीक नही है, मुझे बल्लू को कैसे भी कर के समझाना चाहिए| लेकिन वो बेचारा भी क्या करे? वो भी तो जवान हो गया है, उसका मन भी तो करता होगा ये सब करने का...| हे भगवान! कीस दुवीधा में फंस गयी मै? मुझे तो कुछ समझ में ही नही आ रहा है...?

❏❏❏❏❏❏


अरे...भौजी कहां इतनी तेजी से चली जा रही हो?

इस अनज़ानी आवाज़ ने, मीना को उसकी सोच की दुनीया से नीकालते हुए, ज़मीन पर ला दीया| और मीना के कदम जो अभी तेजी से पगडंडीयों पर चल रहे थे, वो अचानक रुक गये| मीना ने नज़र घुमा कर बायीं तरफ़ देखा तो, एक 40 साल का आदमी, एक खाट पर बैठा था| उस जगह पर एक छोटा सा मकान बना था। और मकान के अगल-बगल गज़ब की हरीयाली छायी थी। शायद साग-सब्जी बोई हुई थी। ख़ेतों में बना ये मकान देख कर साफ़ ज़ाहीर हो रहा था की, यहां पर पंपसेट लगा हुआ है। जो ख़ेतों की सीचायी के लिए, लोग अपने ख़ेतों में लगवाते है।

अरे...तेज़न तू! तू जुबेर के ठीकाने पर क्या कर रहा है? मीना ने कहा|

वो...भौजी, जुबेर थोड़ा काम से घर गया है, तो मुझे सब्जीयों की रखवाली के लीए थोड़ी देर बैठने को कहा तो मैं रुक गया।तेजन ने कहा|

मीना अपने कदम, ख़ेत की पगडंडीयों से आगे बढ़ाते हुए, उस आदमी की तरफ़ चली...| और खाट के नज़दीक पहुचतें हुए; खाट पर बैठते हुए बोली...

कहीं...घर-वर नही गया है वो! बैठा होगा कीसी के साथ चीलम फ़ुकने मीना ने कहा)

मीना की बात सुनते हुए भी, वो आदमी दबे मन से कुछ फुसफुसाया और शांत बैठ गया| मीना उसे इस तरह शांत देखते हुए पूछा...

क्या बात है...तेजन? तू परेशान लग रहा है...कुछ बात है क्या?मीना ने पूछा)

ये भी पढ़ें...



मन - मौजीयां


तेज़न अपने सर को, धीरे से उपर उठाते हुए मीना को देखा और लाचारी भरे लफ्ज़ो में बोला...


अब क्या बताऊं भौजी? मुझे तो बताते हुए भी शरम आती है तुमसे।तेजन ने कहा)


कमाल है...! भौजी भी कहता है मुझे और बताने में शरमाता भी है| ठीक हैं! अगर इतना ही शरमा आ रही है बताने मे, तो भला मै कौन होती हूँ कुछ पूछने वाली? मीना थोड़ा नखरीले अदांज में बोली)

अरे नही भौजी! ऐसी बात नही है| दरसल मैं अपनी लूगाई से परेशान हो गया हूँ।तेजन ने कहा)

लूगाई से..!मीना ब्यंगता भरे लहज़े में बोली)

हां भौजी...! अब का बताऊं, उ ससुरी को, उसके उपर एक बार चढ़ना कम लगता है| कहती है एक बार से मन नही भरता| अब तुम ही बताओ भौजी? भला इस उम्र में भी कोई दीन भर करता रहेगा का? बच्चे ज़वान हो गये है, और उ कलमुई की जवानी और भड़कती जा रही है।तेजन थोड़ा चीड़चीड़ापन और गुस्से में बोला)

तेजन की बातो से मीना को समझ में आ गयी थी की, तेजन चुदाई की बात कर रहा है। ये की, उसकी लुगाई एक बार की चुदाई संतुष्ट नही है| तेजन का चीड़चीड़ापन भरे लहज़े में बोली ईस बात पर, मीना को हंसी तो आयी लेकीन उस पर काबू पाना उसने ठीक समझा| वो नही चाहती थी की, उसकी हंसी देखकर तेजन को महसूस हो की, वो उसका मज़ाक बना रही है|

बात तो तू ठीक कह रहा है| लेकिन देखा जाये तो गलती उस बेचारी की भी नही है| हो सकता है कि, उसको एक बार में संतुष्टी ना मीलती हो!मीना ने थोड़ा हीचकीचाते हुए कहा)

का बात है भौजी? तुम भी उसकी तरफ़दारी ही बतला रही हो? हां...औरत हो ना, तो औरत के तरफ़ से ही बोलोगी ना। तेज़न ने थोड़ा नाराज़गी भरे अदांज में कहा)

तेजन की बात सुनते ही, मीना कुछ बोलने ही वाली थी की तभी...

अरे क्या बाते हो रही है भाई??

इस आवाज़ ने मीना को कुछ बोलते हुए रोक दीया था| मीना ने गर्दन घुमा कर देखा तो, एक 40 साल का सांवले रगं का आदमी खड़ा था| चेहरे पर लंबी डाढ़ी थी, मूछ का नामो नीशान भी नही था। वो सफ़ेद रंग का कुर्ता पैज़ामा पहने साधारण और मध्य शरीरवाला आदमी था। जो अपना वाक्य पूरा कर खड़ा था|

अरे आओ जुबेर...भाई! संभालो अपनी साग-सब्जी की क्यारीयां, मै तो चला।- तेज़न ने एक सांस में बोला)

इतना बोलते ही, तेज़न वहां से तेजी से चला गया...

अरे...क्या हुआ? तेज़न भाई रुको तो...अरे...तेजन भाई!जुबेर तेज़न को रोकने के लीये बोला)


जुबेर की बातो को अनसुना कर, तेजन बीना कुछ बोले और बीना मुड़े वहां से तेजी के साथ चला गया|

हाहाहाहा...हाहाहाहा...जाने दे उसेमीना ने खीलखीला कर हसंते हुए कहा)

मीना की हसीं रुक ही नही रही थी। ये देख कर जुबेर थोड़ा मुस्कुराते हुए बोला...

ऐसा का हो गया भौजी? जो तुम इतना हसं रही हो? और तुमने तेजन को क्या बोल दीया जो बेचारा रेलगाड़ी की तरह चलता बना!जुबेर ने पूछा)

मीना अभी भी...हसं रही थी| उसकी हसीं रुक ही नही रही थी| जुबेर की नज़र मीना के गोरे-गोरे गोल मुखड़े पर पड़ी जो हसंने की वज़ह से बेहद खुबसुरत और मोहिनी लग रही थी। मीना के होठ हसतें हुए ऐसे तने थे, मानो उसके रसीले होठों से अभी रस नीकल पड़े| सुधीया और मला के खुबसूरत जीस्म के भोगने की लालच तो पूरे गाँव के मर्दो में थी। लेकिन दोनो जैसे ख़ुद को दीखाती थी वैसी थी नही| छीनालपन वाली बाते तो दोनो ख़ुब करती थी, लेकीन सुधीया को छोड़ कर अपने मरद के गुज़र जानेदपराये मर्दो के साथ रंगरेलीया नही की|
खैर वो बात की बात है| इधर जुबेर की हालत मीना की खुबसूरती देखकर पतली हो रही थी| वो बस उसे खाट पर बैठे अपनी दाढ़ी सहलाये नीहारे जा रहा था|

अरे मैने कुछ नही बोला पगले! वो बेचारा तो अपनी लुगाई से परेशान है।मीना ने थोड़ा अपनी हसीं पर काबू पाते हुए बोला)

लू..लूगाई से परेशान है!!दाढ़ी सहलाते हुए जुबेर चकीत होकर पुछा)

हां...रे लूगाई से! उसकी लुगाई का एक बार की कुटाई से मन नही भरता, और इस बेचारा में एक बार से ज्यादा कुटाई करने का दम नही है।ये बोलकर मीना फीर हसं पड़ी)

जुबेर कुटाई का मतलब समझ गया था। लेकिन फीर भी मजे लेने के लीये पूछा...

क...कुटाई मतलब?जुबेर अनज़ान बनते हुए पूछा)

ये सुनकर मीना...हसंते-हसंते रुक जाती है। और आँखे तरेरते हुए बोली...

अच्छा...!ज्यादा बन मत, तूझे सब पता है कुटाइ का मतलब।

अरे...भौजी! सच में नही पता| पता होता तो, भला मैं तूझसे क्यूँ शरमाता? जुबेर बोलते हुए मन ही मन खुश होने लगता है)

मीना भी सोचने लगी की बात तो ठीक कह रहा है| अगर इसे पता होता तो, बोल देता...

अरे...पगले! कुटाई मतलब की चुदाई| तेजन की लूगाई को एक बार की चुदाई में संतुष्टी नही मीलती और बेचारे तेजन को देख कर ही लगता है की, इसका बड़ी मुश्किल से खड़ा होता होगा।ये बोलते हुए मीना एक बार फीर हसं पड़ती है)

मीना की बात सूनकर, जुबेर भी हसं पड़ता है| दोनो कुछ देर तक हसंते है और फीर तभी जुबेर अपनी हसीं पर काबू पाते हुए बोला...

क्या कमाल की बात है ना भोजी? जीसको मीलता है वो कुछ कर ही नही पाता, और जो कर पाता है उसे मीलता ही नही।जुबेर ने मीना के हसीं चेहरे को देखते हुए कहा)



कहानी जारी है.....

1 comment

  1. Ye sale juber ko bhagao story me se is ki NRC kr k bengadesh bejo
Cookie Consent
We serve cookies on this site to analyze traffic, remember your preferences, and optimize your experience.
Oops!
It seems there is something wrong with your internet connection. Please connect to the internet and start browsing again.
AdBlock Detected!
We have detected that you are using adblocking plugin in your browser.
The revenue we earn by the advertisements is used to manage this website, we request you to whitelist our website in your adblocking plugin.